श्री प्रेमानंद जी महाराज के श्रीहित राधा केली कुंज द्वारा प्रचारित श्रीहित चौरासी जी
• इसमें श्रीहित चौरासी जी का मूल पाठ है (हिंदी अनुवाद नहीं है)
• श्रीहित स्फूट वाणी जी, सेवक वाणी जी और श्री राधासुधानिधि जी का मूल पाठ है
• इसमें अष्टयाम, रसिक नामध्वनि आदि भी है
• इसमें Glossy hard cover है
• इसमे कुल 237 पेज है